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Kavita Kosh से
<poem>
तुझ पे कुर्बान हुआ,
मन रस खान रसखान हुआ|।
जाना जब नाम तेरा,
खुद अपना ज्ञान हुआ|।
उल्लेख तेरा जिसमें,
वो शेर दीवान हुआ|।
तुझको चाहा भर था,
कितना तूफान हुआ |।</poem>