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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर मंडलोई |संग्रह=एक बहुत कोमल तान / लीलाधर …
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{{KKRachna
|रचनाकार=लीलाधर मंडलोई
|संग्रह=एक बहुत कोमल तान / लीलाधर मंडलोई
}}
<poem>
मैंने किताब तैयार की
अपना नाम लिखा
और आवरण पर चिपका दी
तुम्हारे माथे की बड़ी बिंदी
अब और कुछ करने की जरूरत नहीं रही
00
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|रचनाकार=लीलाधर मंडलोई
|संग्रह=एक बहुत कोमल तान / लीलाधर मंडलोई
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मैंने किताब तैयार की
अपना नाम लिखा
और आवरण पर चिपका दी
तुम्हारे माथे की बड़ी बिंदी
अब और कुछ करने की जरूरत नहीं रही
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