भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश मानस |संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मान…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मानस
}}
{{KKCatKavita
}}
<poem>
एक अनन्त रेगिस्तान में
तपना पड़ता है
एक अथाह तिमिर सागर
लाँघना पड़ता है
एक पाषाणी सभ्यता में
पिसना पड़ता है
अगर इंसान भूल जाये
अपने भीतर का दीया जलाना
2008
<poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=मुकेश मानस
|संग्रह=काग़ज़ एक पेड़ है / मुकेश मानस
}}
{{KKCatKavita
}}
<poem>
एक अनन्त रेगिस्तान में
तपना पड़ता है
एक अथाह तिमिर सागर
लाँघना पड़ता है
एक पाषाणी सभ्यता में
पिसना पड़ता है
अगर इंसान भूल जाये
अपने भीतर का दीया जलाना
2008
<poem>