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Kavita Kosh से
ढूँढने वाला सितारों की गुज़रगाहों का
अपने अफ़कार<ref>फ़िक्र फ़िक्र का बहुवचन/चिंताएँ</ref> की दुनिया में सफ़र सफ़र कर न सका
अपनी हिकमत<ref>दुस्साहस</ref> के ख़मो-पेच<ref>उलझनों</ref> में उलझा ऐसेआज तक फ़ैसला-ए-नफा-ओ-ज़ररज़रर<ref>लाभ-हानि का निर्णय</ref> </poem>कर न सका
जिसने सूरज की शुआओं<ref>किरणों</ref> को गिरफ़्तार कियाज़िन्दगी की शबे-तारीक<ref>अँधेरी रातसहन रातसहन कर न सका</ref></refpoem>
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