भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
आजकल तो 'यक़ीन' अपना सर हम
सरफ़िरों सरफिरों में खपाए हुए हैं
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits