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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया|संग्रह=}}{{KKCatKavita}}<poemPoem>युद्ध नहीं है नाश मात्र ही
युद्ध स्वयं निर्माता है,
लड़ा न जिस ने युद्ध राष्ट्र वह