भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
लोग कहते है की सदियों पहले
आज सहारा है जहां
वहीँ एक सहर शहर हुआ करता था
और मुझको ये ख्याल आता है
किसी तकरीब <ref>समारोह</ref>