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- 09:46, 14 सितम्बर 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+415) . . न गिरह में रिश्वत का माल रखिए / मोहम्मद अलवी (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |Mohammed Alwi }} <poem> Girah mein rishwat ka mal rakhiye zarroraton ko samhal rakhiye bichhaye rakhiye andhera har su sitara koi uchhal...)
- 09:37, 14 सितम्बर 2009 (अंतर | इतिहास) . . (+522) . . न सफ़र में सोचते रहते हैं छाँव आए कहीं / मोहम्मद अलवी (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |mohammad alwi }} <poem> Safar mein sochte rahte hain chhanv aaye kahiin ye dhoop sara samandar hi pii na jaye kahiin Main khud k...)