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- 18:48, 27 सितम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+903) . . न वो अब तिजारती पहलू निकाल लेता है / अहमद कमाल 'परवाज़ी' (नया पृष्ठ: वो अब तिजारती पहलू निकाल लेता है मैं कुछ कहूं तो तराजू निकाल लेता …)
- 18:45, 27 सितम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+897) . . न जो चोट दे गए उसे गहरा तो मत करो / अहमद कमाल 'परवाज़ी' (नया पृष्ठ: जो चोट दे गए उसे गहरा तो मत करो हम बेवक़ूफ़ हैं, कही चर्चा तो मत करो …)
- 16:17, 25 सितम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+647) . . कोई चेहरा हुआ रोशन न उजागर आँखें / अहमद कमाल 'परवाज़ी'
- 21:08, 24 सितम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,295) . . न ग़रीब-ए-शहर का सर है के शहरयार का है / अहमद कमाल 'परवाज़ी' (नया पृष्ठ: ग़रीब-ए-शहर का सर है के शेहरयार का है ये हम से पूछ के ग़म कौन सी कता…)
- 21:02, 24 सितम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+891) . . न अजनबी ख़ौफ़ फ़िज़ाओं में बसा हो जैसे / अहमद कमाल 'परवाज़ी' (नया पृष्ठ: '''अजनबी खौफ फिजाओं में बसा हो जैसे, शहर का शहर ही आसेब जादा हो जैसे, …)
- 20:57, 24 सितम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+12) . . कोई चेहरा हुआ रोशन न उजागर आँखें / अहमद कमाल 'परवाज़ी'
- 20:56, 24 सितम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+1,109) . . न कोई चेहरा हुआ रोशन न उजागर आँखें / अहमद कमाल 'परवाज़ी' (नया पृष्ठ: '''कोई चेहरा हुआ रोशन न उजागर आँखें आईना देख रही थी मेरी पत्थर आँखे…)
- 16:14, 15 सितम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+4) . . उसकी कत्थई आंखों में हैं जंतर मंतर सब / राहत इन्दौरी
- 16:12, 15 सितम्बर 2010 (अंतर | इतिहास) . . (+207) . . उसकी कत्थई आंखों में हैं जंतर मंतर सब / राहत इन्दौरी
- 19:20, 10 अप्रैल 2010 (अंतर | इतिहास) . . (-8) . . बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए / राहत इन्दौरी (मौजूदा)