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'अमीर' क़ज़लबाश
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'अमीर' क़ज़लबाश
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जन्म | |
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उपनाम | 'अमीर' |
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
'अमीर' क़ज़लबाश / परिचय |
- आँखें खुली हुई है तो मंज़र भी / 'अमीर' क़ज़लबाश
- अपने हम-राह ख़ुद चला करना / 'अमीर' क़ज़लबाश
- बंद आँखों से वो मंज़र देखूँ / 'अमीर' क़ज़लबाश
- दामन पे लहू हाथ में ख़ंजर / 'अमीर' क़ज़लबाश
- हाँ ये तौफ़ीक़ कभी मुझ को / 'अमीर' क़ज़लबाश
- हर रह-गुज़र में काह-कशाँ / 'अमीर' क़ज़लबाश
- इक परिंदा अभी उड़ान में है / 'अमीर' क़ज़लबाश
- जाने ये किस की बनाई हुई / 'अमीर' क़ज़लबाश
- मेरे जुनूँ का नतीजा ज़रूर निकलेगा / 'अमीर' क़ज़लबाश
- न पूछ मंज़र-ए-शाम-ओ-सहर / 'अमीर' क़ज़लबाश
- नज़र में हर दुश्वारी रख / 'अमीर' क़ज़लबाश
- उन की बे-रुख़ी में भी इल्तिफ़ात / 'अमीर' क़ज़लबाश
- वो सरफिरी हवा थी सँभलना पड़ा / 'अमीर' क़ज़लबाश
- यकुम जनवरी है नया साल है / 'अमीर' क़ज़लबाश