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हैदराबाद धमाकों पर / सरदार अंजुम
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09:18, 13 अप्रैल 2013
{{KKRachna
|रचनाकार = सरदार अंजुम
|संग्रह=
<poem>
1).
अपाहिज बनके जीने की अदा अच्छी नहीं लगती
फरवरी 2013 में हैदराबाद धमाकों पर
</poem>
Umesh Kumar
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