भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कविता कोश मुखपृष्ठ" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKHomePageBegin}}
 
{{KKHomePageBegin}}
 
<table align=center border=0 cellpadding=3 cellspacing=1 style="background:none;width:100%">
 
<table align=center border=0 cellpadding=3 cellspacing=1 style="background:none;width:100%">
<tr><td valign="top">
+
<tr><td valign="top" style="width:50%">
 
<div style="height:5px; width:100%"></div>
 
<div style="height:5px; width:100%"></div>
 
{{KKSamachaar}}
 
{{KKSamachaar}}
पंक्ति 10: पंक्ति 10:
 
<div style="height:5px; width:100%"></div>
 
<div style="height:5px; width:100%"></div>
 
{{KKRekhankitRachnaakaar}}
 
{{KKRekhankitRachnaakaar}}
<div style="height:5px; width:100%"></div>
 
{{KKPoemOfTheWeek}}
 
 
<div style="height:5px; width:100%"></div>
 
<div style="height:5px; width:100%"></div>
 
{{KKEkMoti}}
 
{{KKEkMoti}}
 +
<div style="height:5px; width:100%"></div>
 
</td><td valign="top" width=2%>
 
</td><td valign="top" width=2%>
 +
<div style="height:5px; width:100%"></div>
 +
{{KKPoemOfTheWeek}}
 
<div style="height:5px; width:100%"></div>
 
<div style="height:5px; width:100%"></div>
 
{{KKRankAndCal}}
 
{{KKRankAndCal}}

11:45, 22 मई 2011 का अवतरण

कविता कोश / गद्य कोश
भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भारतीय काव्य का सबसे विशाल ऑनलाइन संकलन
कोश में कुल पन्ने: 1,57,712
सभी लोगों का मिला-जुला स्वयंसेवी प्रयास!... जय स्वयंसेवा!
अन्य विभागों के लिए पर क्लिक कर मेन्यू खोलें
Rekhankan-star-48x48.pngरेखांकित रचना: मृदुल कीर्ति द्वारा काव्यानुवादित रचना मनीषा पञ्चकं
Globe-Connected-48x48.png  कविता कोश से लिंक कीजिये
Leave-48x48.png  रेखांकित रचनाकार
Shamsher 1.jpg
शमशेर बहादुर सिंह का जन्म मुजफ्फरनगर के एलम ग्राम में हुआ। शिक्षा देहरादून तथा प्रयाग में हुई। प्रयोगवाद और नई कविता के कवियों की प्रथम पंक्ति में इनका स्थान है। इनकी शैली अंग्रेजी कवि एजरा पाउण्ड से प्रभावित है। इनके मुख्य काव्य संग्रह हैं- 'कुछ कविताएँ', 'कुछ और कविताएँ', 'इतने पास अपने', 'चुका भी नहीं हूँ मैं', 'बात बोलेगी', 'उदिता' तथा 'काल तुझसे होड है मेरी'। ये कबीर सम्मान तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हुए।
Butterfly-orange-48x48.png  एक काव्य मोती

ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में
ख़ुदा किसी से किसी को मगर जुदा न करे
कविता कोश में क़तील शिफ़ाई

खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार

रचनाकार: त्रिलोचन

खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार अपरिचित पास आओ

आँखों में सशंक जिज्ञासा मिक्ति कहाँ, है अभी कुहासा जहाँ खड़े हैं, पाँव जड़े हैं स्तम्भ शेष भय की परिभाषा हिलो-मिलो फिर एक डाल के खिलो फूल-से, मत अलगाओ

सबमें अपनेपन की माया अपने पन में जीवन आया

User-group-48x48.png  सर्वश्रेष्ठ योगदानकर्ता

आखिरी 30 दिन (पहले (11-1))

आगे की सूची...
User-group-48x48.png  सर्वश्रेष्ठ योगदानकर्ता

सभी अवतरण (पहले (11-1))

आगे की सूची...

 Calendar-48x48.png  कविता कोश कैलेन्डर

कविता कोश के हज़ारों प्रशंसक