भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"कबहुँक राधा के ललित / शृंगार-लतिका / द्विज" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=द्विज }} {{KKPageNavigation |पीछे=कबहुँक आपुस मैं रचैं / शृंगा…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
18:18, 4 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
दोहा
(श्रीराधा-माधव की एकरूपता-वर्णन)
कबहुँक राधा के ललित, अंगन की दुति देखि ।
करैं बचन-रचना बिबिध, सुमुखि सुसखी बिसेखि ॥३९॥