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+ | * [[ये सच है मैं अंधकार में हूँ / अशोक रावत]] | ||
+ | * [[ कौन इतना ध्यान देता है, / अशोक रावत]] | ||
+ | * [[ उम्र भर कच्चे मकानों में रहे / अशोक रावत]] | ||
+ | * [[न गाँधी पर भरोसा है न गौतम पर / अशोक रावत]] | ||
+ | * [[आज फिर ताले नज़र आये / अशोक रावत]] |
22:34, 20 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण
थोड़ा सा ईमान
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रचनाकार | अशोक रावत |
---|---|
प्रकाशक | वाणी प्रकाशन |
वर्ष | 2009 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | ग़ज़ल |
विधा | |
पृष्ठ | 80 |
ISBN | |
विविध |
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- हाथ में ख़ंजर रहता है, / अशोक रावत
- वो ज़माना रहा ही नहीं / अशोक रावत
- घर को हम बचा नहीं सके, / अशोक रावत
- संघर्षो की गाथा है / अशोक रावत
- ज़हन में ख़ार होते हैं, / अशोक रावत
- मैं उसकी इबादत क्यों नहीं करता, / अशोक रावत
- सीरत ही एक सी नहीं होती / अशोक रावत
- आँधियाँ हाबी न हो जायें / अशोक रावत
- डर मुझे भी लगा / अशोक रावत
- कभी तेवर बदलते हैं / अशोक रावत
- संकोच अँधेरों से / अशोक रावत
- प्रश्न कभी हल होते हैं, / अशोक रावत
- रिश्ते हैं पर--- / अशोक रावत
- उड़ने की चाहत क्यों नहीं करते / अशोक रावत
- चौपल बिठाई जाती है, / अशोक रावत
- मेरा घर की कहानी में / अशोक रावत
- हम कैसे कैसे समझाते हैं / अशोक रावत
- हाँ अकेला हूँ / अशोक रावत
- ये सच है मैं अंधकार में हूँ / अशोक रावत
- कौन इतना ध्यान देता है, / अशोक रावत
- उम्र भर कच्चे मकानों में रहे / अशोक रावत
- न गाँधी पर भरोसा है न गौतम पर / अशोक रावत
- आज फिर ताले नज़र आये / अशोक रावत