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| == || पाणी || == | | == || पाणी || == |
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− | नी मिनख रो मोळ, मोळ मिनख री बाणी है,
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− | नी चेहरे रो कोई मोळ, मोळ बस चेहरे रो पाणी है,
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− | मत कर ऊँची बात बात नी कोई आणीजाणी है,
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− | मत मार धुड में लठ, वक्त बस वक्त वक्त री काणी है,
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− | मत माया रो कर मोळ, है छाया एक दिन ढळ ज्याणी है,
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− | ज्यू नी बादळ रो मोळ, मोळ बस बादळ रो पाणी है,
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− | उंच नीच रा भाव बात बस मिनखां री नादाणी है,
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− | ज्यू नी आंख्या रो मोळ अगर जै नी आंख्या मे पाणी है,
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− | नी धरती पर रुंख जीव नी जै नी धरती पर पाणी है,
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− | पाणी है सब खेळ जीव रो नी जीवण बिन पाणी है,
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− | वाणी में मिठास,विष, और वाणी इज्जत रो पाणी है,
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− | काया जळ होणी राख, राख बस पाणी में मिल ज्याणी है,
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− | नी मिनख रो मोळ, मोळ मिनख री बाणी है,
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− | नी चेहरे रो कोई मोळ, मोळ बस चेहरे रो पाणी है,
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− | रचना : महावीर जोशी, पूलासर (सरदारशहर)
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21:33, 19 जनवरी 2012 का अवतरण
प्रिय महावीर जोशी पूलासर, कविता कोश पर आपका स्वागत है!
कविता कोश हिन्दी काव्य को अंतरजाल पर स्थापित करने का एक स्वयंसेवी प्रयास है। इस कोश को आप कैसे प्रयोग कर सकते हैं और इसकी वृद्धि में आप किस तरह योगदान दे सकते हैं इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सूचनायें नीचे दी जा रही हैं। इन्हे कृपया ध्यानपूर्वक पढ़े।
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- यदि आप अपनी स्वयं की रचनाएँ कोश में जोड़ना चाहते हैं तो ऐसा करने के लिये आपको एक निश्चित प्रक्रिया के तहत आवेदन करना होगा। यह प्रक्रिया जानने के लिये देखें: नये नाम जोड़ने की प्रक्रिया। कृपया अपने सदस्य पन्ने पर अपनी रचनाएँ ना जोड़े -क्योंकि इस तरह जोड़ी गयी रचनाओं को हटा दिया जाएगा।
- कविता कोश में आप स्वयं पहले से मौजूद किसी भी कविता कोश बदल सकते हैं या फिर नयी कवितायें जोड़ सकते हैं। कविता कोश का संचालन कविता कोश टीम नामक एक समूह करता है। रचनाकारों की सूची जैसे पन्ने केवल इस टीम के सदस्यों के द्वारा ही बदले जा सकते हैं।
- यदि आप कोश में पहले से मौजूद रचनाओं में कोई ग़लती पाते हैं, जैसे कि वर्तनी की ग़लतियाँ (Spelling mistakes), तो कृपया उन ग़लतियों को सुधार दें। ऐसा करने के लिये हर पन्ने के ऊपर बदलें लिंक दिया गया है।
- अगर आप यूनिकोड के अलावा किसी दूसरे हिन्दी फ़ॉन्ट (जैसे शुषा, कृति इत्यादि) में टाइप करना जानते हैं तो भी आप उस फ़ॉन्ट में रचनाएँ टाइप कर kavitakosh@gmail.com पर भेज सकते हैं। इन रचनाओं को यूनिकोड में बदल कर कविता कोश में जोड़ दिया जाएगा। लेकिन सबसे बढिया यही रहेगा कि आप हिन्दी यूनिकोड में टाइप करना सीख लें, यह बहुत आसान है!
- यदि आप कोई वैबसाइट या ब्लॉग चलाते हैं -तो आप उस पर कविता कोश का लिंक दे कर कोश को अधिक से अधिक लोगो तक पहुँचाने में मदद कर सकते हैं। कविता कोश का लिंक है http://kavitakosh.org
- अगर आप ग्राफ़िक डिज़ाइनिंग कर सकते हैं या आप विकि में बहुत अच्छी तरह काम करना जानते हैं तो आप कोश के लिये ग्राफ़िक्स इत्यादि बना सकते हैं और इसके रूप-रंग को और भी बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
- आप दूसरे लोगो को कविता कोश के बारे में बता कर इसके प्रसार में मदद कर सकते हैं। जितने अधिक लोग कविता कोश के बारे में जानेंगे उतना ही अधिक योगदान कोश में हो सकेगा और कोश तीव्रता से प्रगति करेगा।
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मोरियो पगा कानी देख गे रोवै
क्यु जी सोरो करै,
दुसरा गै घर री बाता सुण गै,
जकी बी घर मॆ हॊवण लागरी है
बा ही तॊ तॆरॆ घर मॆ हॊवॆ,
तु भीत रै चिप्यॊडॊ इनै,
बॊ ही तॊ बिनॆ चिप्यॊडॊ खड्यॊ है,
क्यु नी सॊचै तु कै ..भीता कै भी कान हॊवॆ,
आज तु सुणसी
काल बॊ तॆरी सुणसी,
क्यु सरमा मरै,
मॊरीयॊ पगा कानी दॆख गॆ रॊवै ,
ये केसा संसार है
यॆ कॆसा ससार है,
गरीब यहा लाचार है,
कुछ लॊगॊ कॆ पास है हीरॆ,
कुछ रॊटी बिन बिमार है,
कहतॆ धरती मा सबकी फिर भॆद क्यु बॆसुमार है,
ममता तॆरी तु है मा फिर माता क्यु लाचार है,
सुनॆ पडॆ है महल यहा फुटपाथॊ पर भरमार है,
कुछ बन गयॆ ताज यहा,
कुछ दानॆ कॊ मॊहताज है,
खुस यहा है पैसॆ सॆ सब,
भुखॊ सॆ नाराज है,
यॆ कॆसा ससार है,
गरीब यहा लाचार है
रचना... महावीर जोशी पूलासर
आपका आवेदन
महावीर जी, कविता कोश के लिए आपका आवेदन विचाराधीन है। कृपया निर्णय की प्रतीक्षा करें। बिना कविता कोश टीम की अनुमति के आप जो भी रचनाएँ कोश में जोड़ेंगे उन तक पाठक नहीं पहुँच पाएंगे। अत: आपसे प्रार्थना है कि आप धैर्य रखें।
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