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+ | * [[मेरे गिर्या से न आज़ार उठाने से हुआ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]] | ||
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+ | * [[फिर उसी धुन में उसी ध्यान में आ जाता हूँ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]] | ||
+ | * [[रिफ़ाक़त की ये ख़्वाहिश कह रही है / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]] | ||
+ | * [[सुकूत से भी सुख़न को निकाल लाता हुआ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]] | ||
+ | * [[तुग़्यानी से डर जाता हूँ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]] | ||
+ | * [[उन आँखों की हैरत और दबीज़ करूँ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क]] |
06:55, 25 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क
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जन्म | 29 अगस्त 1976 |
---|---|
जन्म स्थान | मुल्तान, पाकिस्तान |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क / परिचय |
ग़ज़लें
- आईने के आख़िरी इज़हार में / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क
- चराग़-ए-कुश्ता से क़िंदील कर रहा है मुझे / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क
- दिनों में दिन थे शबों में शबें पड़ी हुई थीं / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क
- जिस भी लफ़्ज पे उँगलियाँ रख दे साज़ करे / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क
- कहीं ये लम्हा-ए-मौजूद वाहिमा ही न हो / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क
- किसी सफ़र किसी अस्बाब से इलाक़ा नहीं / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क
- कितने ही फ़ैसले किए पर कहाँ रूक सहा हूँ मैं / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क
- मेरे गिर्या से न आज़ार उठाने से हुआ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क
- न थीं तो दूर कहीं ध्यान में पड़ी हुई थीं / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क
- फिर उसी धुन में उसी ध्यान में आ जाता हूँ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क
- रिफ़ाक़त की ये ख़्वाहिश कह रही है / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क
- सुकूत से भी सुख़न को निकाल लाता हुआ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क
- तुग़्यानी से डर जाता हूँ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क
- उन आँखों की हैरत और दबीज़ करूँ / ज़िया-उल-मुस्तफ़ा तुर्क