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"सोचने बैठे जब भी उसको / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर
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15:21, 8 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण
सोचने बैठे जब भी उसको
अपनी ही तस्वीर बना दी
ढूँढ़ के तुझ में, तुझको हमने
दुनिया तेरी शान बढ़ा दी