भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"चढ़ लाडा, चढ़ रे ऊँचे रो / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार=अज्ञात | |रचनाकार=अज्ञात | ||
}} | }} | ||
− | {{ | + | {{KKCatRajasthaniRachna}} |
− | + | <poem> | |
− | }} | + | चढ़ लाडा, चढ़ रे ऊँचे रो, देखाधूं थारो सासरो रे |
+ | जांणे जाणें जोगीड़ो रा डेरा, ऐंडू के शार्रूं सासरो रे | ||
− | + | चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचो रो, देखांधू थारा सुसरा रे | |
− | + | जाणें जाणें पड़गो रा वौरा, ऐड़ा रे थारा सुसरा रे | |
− | चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचो रो, देखांधू थारा सुसरा रे | + | |
− | जाणें जाणें पड़गो रा वौरा, ऐड़ा रे थारा सुसरा | + | चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचे रे देखांधू थारो सासरो रे |
− | चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचे रे देखांधू थारो सासरो रे | + | जाणें जाणें पड़गा री "बोंरी' ऐड़ी तो थारी सासूजी रे |
− | जाणें जाणें पड़गा री "बोंरी' ऐड़ी तो थारी सासूजी | + | |
− | चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचे रो, देखांधू थारो सासरो रे | + | चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचे रो, देखांधू थारो सासरो रे |
− | जाणें जाणें जोगीड़ा री छोरी, ऐड़ी तो थारी साली | + | जाणें जाणें जोगीड़ा री छोरी, ऐड़ी तो थारी साली रे |
+ | </poem> |
06:59, 9 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
चढ़ लाडा, चढ़ रे ऊँचे रो, देखाधूं थारो सासरो रे
जांणे जाणें जोगीड़ो रा डेरा, ऐंडू के शार्रूं सासरो रे
चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचो रो, देखांधू थारा सुसरा रे
जाणें जाणें पड़गो रा वौरा, ऐड़ा रे थारा सुसरा रे
चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचे रे देखांधू थारो सासरो रे
जाणें जाणें पड़गा री "बोंरी' ऐड़ी तो थारी सासूजी रे
चढ़ लाड़ा चढ़ रे ऊँचे रो, देखांधू थारो सासरो रे
जाणें जाणें जोगीड़ा री छोरी, ऐड़ी तो थारी साली रे