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| − | * [[ | + | * [[मौजें खींचातानी पर / ज़फ़र गोरखपुरी]] |
| + | * [[ज़मीं, फिर दर्द का ये सायबाँ कोई नहीं देगा / ज़फ़र गोरखपुरी]] | ||
| + | * [[ये मौजे ग़म सुकूँ-आसा भी है, अगर सोचो / ज़फ़र गोरखपुरी]] | ||
| + | * [[ख़ौफ़ तारीकी भयानकपन मेरे चारों तरफ़ / ज़फ़र गोरखपुरी]] | ||
19:25, 6 दिसम्बर 2017 का अवतरण
आर पार का मंज़र

| रचनाकार | ज़फ़र गोरखपुरी |
|---|---|
| प्रकाशक | |
| वर्ष | 2015 |
| भाषा | उर्दू-हिन्दी |
| विषय | शायरी |
| विधा | ग़ज़लें |
| पृष्ठ | |
| ISBN | |
| विविध |
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