भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ध्रुवदास" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKParichay |चित्र= |नाम=ध्रुवदास |उपनाम= |जन्म=संवत् 1640...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 20: पंक्ति 20:
 
* '''[http://kavitakosh.org/kk/otherapps/ebooks/?b=1YEei4AuX2pvprs4crfDQLvOZTGTC9a9l बयालीस लीला / ध्रुवदास]'''
 
* '''[http://kavitakosh.org/kk/otherapps/ebooks/?b=1YEei4AuX2pvprs4crfDQLvOZTGTC9a9l बयालीस लीला / ध्रुवदास]'''
 
* '''[http://kavitakosh.org/kk/otherapps/ebooks/?b=14jU3s_-bBOkzd2aflsCQVrXDIIRaywfg भक्तनामावली / ध्रुवदास]'''
 
* '''[http://kavitakosh.org/kk/otherapps/ebooks/?b=14jU3s_-bBOkzd2aflsCQVrXDIIRaywfg भक्तनामावली / ध्रुवदास]'''
 
  
 
ध्रुवदास जी [[हितहरिवंश|गोस्वामी हितहरिवंश जी]] के शिष्य थे। श्री वृंदावन में रहते थे। इनके बनाए निम्नलिखित बहुत छोटे-छोटे ग्रंथ उपलब्ध हुए हैं: वृंदावनसत, सिंगारसत, रसरत्नावली, नेहमंजरी, रहसिमंजरी, सुखमंजरी, रतिमंजरी, वनविहार, रंगविहार, रसविहार, आनंददशाविनोद, रंगविनोद, निर्तविलास, रंगहुलास, मानरसलीला, रहसिलता, प्रेमलता, प्रेमावली, भजनकुंडली, बामनबृहत्‌पुराण की भाषा, भक्तनामावली, मनसिंगार, भजनसत, प्रीति चौवनी, रसमुक्तावली और सभामंडली। इनमें केवल तीन ग्रंथो के बनने का समय दिया है, अर्थात सभामंडली संवत्‌ 1681 में बनी, वृंदावनसत 1686 में और रसमंजरी 1698 में बनी। इससे अनुमान होता है कि समय संवत् 1640 से 1770 के लगभग होगा। (भक्तनामावली के पृष्ठ 82 से)
 
ध्रुवदास जी [[हितहरिवंश|गोस्वामी हितहरिवंश जी]] के शिष्य थे। श्री वृंदावन में रहते थे। इनके बनाए निम्नलिखित बहुत छोटे-छोटे ग्रंथ उपलब्ध हुए हैं: वृंदावनसत, सिंगारसत, रसरत्नावली, नेहमंजरी, रहसिमंजरी, सुखमंजरी, रतिमंजरी, वनविहार, रंगविहार, रसविहार, आनंददशाविनोद, रंगविनोद, निर्तविलास, रंगहुलास, मानरसलीला, रहसिलता, प्रेमलता, प्रेमावली, भजनकुंडली, बामनबृहत्‌पुराण की भाषा, भक्तनामावली, मनसिंगार, भजनसत, प्रीति चौवनी, रसमुक्तावली और सभामंडली। इनमें केवल तीन ग्रंथो के बनने का समय दिया है, अर्थात सभामंडली संवत्‌ 1681 में बनी, वृंदावनसत 1686 में और रसमंजरी 1698 में बनी। इससे अनुमान होता है कि समय संवत् 1640 से 1770 के लगभग होगा। (भक्तनामावली के पृष्ठ 82 से)
 +
<br>
 +
{{भक्तिकालीन रचनाकार}}

14:37, 27 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण

ध्रुवदास
Photo-not-available-cam-kavitakosh.png
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें

जन्म संवत् 1640 के आस-पास
निधन
उपनाम
जन्म स्थान देवबन्द, उत्तर प्रदेश
कुछ प्रमुख कृतियाँ
विविध
श्री हितहरिवंश जी के शिष्य। अधिकतर वृंदावन ही में रहा करते थे।
जीवन परिचय
ध्रुवदास / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/

कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ

ध्रुवदास जी गोस्वामी हितहरिवंश जी के शिष्य थे। श्री वृंदावन में रहते थे। इनके बनाए निम्नलिखित बहुत छोटे-छोटे ग्रंथ उपलब्ध हुए हैं: वृंदावनसत, सिंगारसत, रसरत्नावली, नेहमंजरी, रहसिमंजरी, सुखमंजरी, रतिमंजरी, वनविहार, रंगविहार, रसविहार, आनंददशाविनोद, रंगविनोद, निर्तविलास, रंगहुलास, मानरसलीला, रहसिलता, प्रेमलता, प्रेमावली, भजनकुंडली, बामनबृहत्‌पुराण की भाषा, भक्तनामावली, मनसिंगार, भजनसत, प्रीति चौवनी, रसमुक्तावली और सभामंडली। इनमें केवल तीन ग्रंथो के बनने का समय दिया है, अर्थात सभामंडली संवत्‌ 1681 में बनी, वृंदावनसत 1686 में और रसमंजरी 1698 में बनी। इससे अनुमान होता है कि समय संवत् 1640 से 1770 के लगभग होगा। (भक्तनामावली के पृष्ठ 82 से)

भक्तिकालीन रचनाकार
ज्ञानाश्रयी शाखा  कबीररैदासमलूकदासदादू दयालगुरु नानकदेवसुंदरदासधनी धरमदास
प्रेमाश्रयी शाखा  कुतबनमंझनमलिक मोहम्मद जायसीउसमानशेख नबीकासिमशाहनूर मुहम्मद
रामाश्रयी शाखा  तुलसीदासअग्रदासप्राणचंद चौहानहृदयराम
कृष्णाश्रयी शाखा  वल्लभाचार्यहितहरिवंशगदाधर भट्टमीराबाईहरिदाससूरदास मदनमोहनश्रीभट्टहरिराम व्यासरसखानध्रुवदास
अन्य कवि  छीहललालचदासकृपारामनरहरि बंदीजननरोत्तमदासआलमटोडरमलबीरबलगँगमनोहर कविबलभद्र मिश्रजमालकेशवदासहोलरायरहीमकादिरमुबारकबनारसीदाससेनापतिपुहकर कविसुँदरलाल कवि