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"ए दिलबर दिल कर दीवाना / प्रेमघन" के अवतरणों में अंतर

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हमने तुमको कैसा जाना, तुमने हमको ऐसा माना॥टेक॥
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ए दिलबर दिल कर दीवाना। अब कैसा घाई बतलाना॥टेक॥
सैरों को गैरों संग जाना, पास मेरे हरगिज़ नहिं आना,  
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पहिले मन्द-मन्द मुसुक्याना, अजीब भोलापन दिखलाना,  
देख दूर ही से कतराना, ए तोतेचश्मी जतलाना॥
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मीठी बातों में बहलाना, फन्द फिरेबों में फुसलाना।
जहरीले नख़रें बतलाना, सौ-सौ फिकरे लाख बहाना
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बाकी बनक दिखाय लुभाना, प्यारी सूरत पर ललचाना,  
दमवाज़ी ही में टरकाना, गरज़ हमै हर तरह सताना॥
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गालों में जुल्फ़ें छितराना, काले नागों से डसवाना॥
रोज़ नई सज धज दिखलाना, चपल चखन चित चितै चुराना,  
+
एक बोल पर सौ बल खाना, एक बोसे पर लाख बहाना,  
भौंह कमान तान सतराना, लचक निज़ाकत से बल खाना॥
+
भौंह कमान तान सतराना, नाक सकोड़ मुकड़ मुड़ जाना॥
श्रीबदरी नारायन मत जाना, सीखा दिल का खूब जलाना।
+
श्री बदरीनारायन माना, हम में ये ढंग माशूकाना,  
पास मुहब्बत ज़रा न लाना, पहिने बेरहमी का बाना॥12॥
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पर इतना भी हाय सताना, ख़ौफे खुदा दिल में नहि ल्याना॥13॥
 
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21:21, 20 मई 2018 के समय का अवतरण

ए दिलबर दिल कर दीवाना। अब कैसा घाई बतलाना॥टेक॥
पहिले मन्द-मन्द मुसुक्याना, अजीब भोलापन दिखलाना,
मीठी बातों में बहलाना, फन्द फिरेबों में फुसलाना।
बाकी बनक दिखाय लुभाना, प्यारी सूरत पर ललचाना,
गालों में जुल्फ़ें छितराना, काले नागों से डसवाना॥
एक बोल पर सौ बल खाना, एक बोसे पर लाख बहाना,
भौंह कमान तान सतराना, नाक सकोड़ मुकड़ मुड़ जाना॥
श्री बदरीनारायन माना, हम में ये ढंग माशूकाना,
पर इतना भी हाय सताना, ख़ौफे खुदा दिल में नहि ल्याना॥13॥