"मेले में स्टाल / भारतेन्दु मिश्र" के अवतरणों में अंतर
Sharda suman (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भारतेंदु मिश्र |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
− | |रचनाकार= | + | |रचनाकार=भारतेन्दु मिश्र |
|अनुवादक= | |अनुवादक= | ||
|संग्रह= | |संग्रह= |
19:59, 13 मई 2020 के समय का अवतरण
प्रगति मैदान में जमे थे हम
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में
विभाग ने लगाई थी
समावेशी शिक्षा की स्टॉल
सजाई थी बहुविध
रात दिन एक करके
बैनरों और पोस्टरों
के साथ दिव्यांग बच्चों की दुनिया
बाजार भर के सामने
रखी गयी थीं सच्ची कहानियाँ
लोग देखने आते थे ब्रेल बुक्स
फिर अंगुलियाँ फिराते थे
चकित होकर किताबों पर
आँखें मूँदकर पढ़ने की कोशिश करते थे
सामान्य बच्चे
लेकिन समझ नहीं पाते थे एक भी शब्द
फिर पूछते थे
समावेशी योजना के बारे में
नई जानकारी से
अवगत होते थे लोग
बहुत से सवाल होते थे उनके
और समाधान देते थे हम
अपनी सहयोगी
मैडम राय के साथ
पंद्रह दिन लगातार मेहनत तो की
लेकिन बहुत नया सीखा भी
उप राज्यपाल ने हाथ मिलाया
मुख्य सचिव और निदेशक सहित
अधिकारियों ने भी सराहा था
ये अनूठा प्रयास
हालांकि कुछ सहयोगी
मुह छिपाकर निकल भी गए
काम के वक्त
तमाम परेशानियों के बावजूद
ये अनुभव भी मुझे बहुत कुछ सिखा गया।
(वर्ष 2014, में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का अनुभव)