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"वही ताज है वही तख़्त है / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर
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− | वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है वही जाम है | + | वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है वही जाम है |
− | ये वही ख़ुदा की ज़मीन है ये वही बुतों का निज़ाम है | + | ये वही ख़ुदा की ज़मीन है ये वही बुतों का निज़ाम है |
− | बड़े शौक़ से | + | बड़े शौक़ से मिरा घर जला कोई आँच तुझ पे न आएगी |
− | ये | + | ये ज़बाँ किसी ने ख़रीद ली ये क़लम किसी का ग़ुलाम है |
− | मैं ये मानता हूँ | + | यहाँ एक बच्चे के ख़ून से जो लिखा हुआ है उसे पढ़ें |
− | मगर | + | तेरा कीर्तन अभी पाप है अभी मेरा सज्दा हराम है |
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+ | मैं ये मानता हूँ मिरे दिए तिरी आँधियों ने बुझा दिए | ||
+ | मगर एक जुगनू हवाओं में अभी रौशनी का इमाम है | ||
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+ | मिरे फ़िक्र-ओ-फ़न तिरी अंजुमन न उरूज था न ज़वाल है | ||
+ | मिरे लब पे तेरा ही नाम था मिरे लब पे तेरा ही नाम है | ||
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17:33, 3 जून 2020 का अवतरण
वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है वही जाम है
ये वही ख़ुदा की ज़मीन है ये वही बुतों का निज़ाम है
बड़े शौक़ से मिरा घर जला कोई आँच तुझ पे न आएगी
ये ज़बाँ किसी ने ख़रीद ली ये क़लम किसी का ग़ुलाम है
यहाँ एक बच्चे के ख़ून से जो लिखा हुआ है उसे पढ़ें
तेरा कीर्तन अभी पाप है अभी मेरा सज्दा हराम है
मैं ये मानता हूँ मिरे दिए तिरी आँधियों ने बुझा दिए
मगर एक जुगनू हवाओं में अभी रौशनी का इमाम है
मिरे फ़िक्र-ओ-फ़न तिरी अंजुमन न उरूज था न ज़वाल है
मिरे लब पे तेरा ही नाम था मिरे लब पे तेरा ही नाम है