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"आस होगी न आसरा होगा / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर

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आने वाले दिनों में क्या होगा
  
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मैं तुझे भूल जाऊँगा इक दिन
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नाम हम ने लिखा था आँखों में
आने वाले दिनों में क्या होगा <br><br>
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आंसूओं ने मिटा दिया होगा
  
मैं तुझे भूल जाऊँगा इक दिन<br>
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आसमाँ भर गया परिंदों से
वक़्त सब कुछ बदल चुका होगा <br><br>
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पेड़ कोई हरा गिरा होगा
  
नाम हम ने लिखा था आँखों में<br>
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कितना दुश्वार था सफ़र उस का
आंसूओं ने मिटा दिया होगा <br><br>
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वो सर-ए-शाम सो गया होगा
  
आसमाँ भर गया परिंदों से<br>
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दुश्वार = कठिन ; सर-ए-शाम = शाम होते ही
पेड़ कोई हरा गिरा होगा <br><br>
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कितना दुश्वार था सफ़र उस का<br>
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वो सर-ए-शाम सो गया होगा <br><br><br>
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दुश्वार = कठिन ; सर-ए-शाम = शाम होते ही<br><br>
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23:43, 9 फ़रवरी 2009 का अवतरण

आस होगी न आसरा होगा
आने वाले दिनों में क्या होगा

मैं तुझे भूल जाऊँगा इक दिन
वक़्त सब कुछ बदल चुका होगा

नाम हम ने लिखा था आँखों में
आंसूओं ने मिटा दिया होगा

आसमाँ भर गया परिंदों से
पेड़ कोई हरा गिरा होगा

कितना दुश्वार था सफ़र उस का
वो सर-ए-शाम सो गया होगा

दुश्वार = कठिन ; सर-ए-शाम = शाम होते ही