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| − | दो किनारे | + | ====कविताएँ==== |
| − | आँचल में उसके सिमटा है संसार | + | * [[इंसानियत का आत्मकथ्य / अनुपमा पाठक]] |
| − | जीवनाधार | + | * [[ऐसा हो...!!! / अनुपमा पाठक]] |
| − | जब न रहेंगे हम, रह जायेंगे अक्षर ही | + | * [[कविता / अनुपमा पाठक]] |
| − | आंसू चुनते किसी मोड़ पर मिलो कभी हमको | + | * [[दो किनारे / अनुपमा पाठक]] |
| − | छोटे भाई के जन्मदिन पर | + | * [[आँचल में उसके सिमटा है संसार / अनुपमा पाठक]] |
| − | ओ पेड़... क्या कहूँ | + | * [[जीवनाधार / अनुपमा पाठक]] |
| − | जीते जी हम क्यूँ, रोज मरते हैं | + | * [[जब न रहेंगे हम, रह जायेंगे अक्षर ही / अनुपमा पाठक]] |
| − | कविता के आँगन में | + | * [[आंसू चुनते किसी मोड़ पर मिलो कभी हमको / अनुपमा पाठक]] |
| − | ज़िन्दगी दूर बहुत ले आई है घर से | + | * [[छोटे भाई के जन्मदिन पर / अनुपमा पाठक]] |
| − | निराश कविता में आस की पदचाप | + | * [[ओ पेड़... क्या कहूँ / अनुपमा पाठक]] |
| − | गंगा के इस पावन तट पर | + | * [[जीते जी हम क्यूँ, रोज मरते हैं / अनुपमा पाठक]] |
| − | जिस तरह प्रकृति में हवा बहती है | + | * [[कविता के आँगन में / अनुपमा पाठक]] |
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| − | + | * [[कलम आज तू मेरी सुनना / अनुपमा पाठक]] | |
| + | * [[माटी की काया में जगमग प्राण / अनुपमा पाठक]] | ||
| + | * [[लेखनी है रमी, आज लिख डालो / अनुपमा पाठक]] | ||
| + | * [[दीप, तुम्हारे संघर्ष के कितने वितान / अनुपमा पाठक]] | ||
| + | * [[कि, जब होकर भी सुबह नहीं होती / अनुपमा पाठक]] | ||
| + | * [[कविता का प्रादुर्भाव / अनुपमा पाठक]] | ||
| + | * [[अंततोगत्वा सब माटी है / अनुपमा पाठक]] | ||
| + | * [[वो अपने ही साये थे / अनुपमा पाठक]] | ||
| + | * [[उस एकांत में हर पहचान धुंधली है / अनुपमा पाठक]] | ||
| + | * [[है नमी तो नहीं कोई कमी / अनुपमा पाठक]] | ||
| + | * [[जीवन ठिठका खड़ा है / अनुपमा पाठक]] | ||
| + | * [[तुम तक / अनुपमा पाठक]] | ||
19:57, 5 अक्टूबर 2022 के समय का अवतरण
अनुपमा पाठक
www.kavitakosh.org/anupamapathak
www.kavitakosh.org/anupamapathak

| जन्म | 06 अक्तूबर 1980 |
|---|---|
| जन्म स्थान | जमशेदपुर, झारखंड, भारत |
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| 'लौ दीये की' (काव्य संग्रह) | |
| विविध | |
| जीवन परिचय | |
| अनुपमा पाठक / परिचय | |
| कविता कोश पता | |
| www.kavitakosh.org/anupamapathak | |
कविताएँ
- इंसानियत का आत्मकथ्य / अनुपमा पाठक
- ऐसा हो...!!! / अनुपमा पाठक
- कविता / अनुपमा पाठक
- दो किनारे / अनुपमा पाठक
- आँचल में उसके सिमटा है संसार / अनुपमा पाठक
- जीवनाधार / अनुपमा पाठक
- जब न रहेंगे हम, रह जायेंगे अक्षर ही / अनुपमा पाठक
- आंसू चुनते किसी मोड़ पर मिलो कभी हमको / अनुपमा पाठक
- छोटे भाई के जन्मदिन पर / अनुपमा पाठक
- ओ पेड़... क्या कहूँ / अनुपमा पाठक
- जीते जी हम क्यूँ, रोज मरते हैं / अनुपमा पाठक
- कविता के आँगन में / अनुपमा पाठक
- ज़िन्दगी दूर बहुत ले आई है घर से / अनुपमा पाठक
- निराश कविता में आस की पदचाप / अनुपमा पाठक
- गंगा के इस पावन तट पर / अनुपमा पाठक
- जिस तरह प्रकृति में हवा बहती है / अनुपमा पाठक
- एक लहर की कहानी / अनुपमा पाठक
- क्या रखा है... किनारे में / अनुपमा पाठक
- कलम आज तू मेरी सुनना / अनुपमा पाठक
- माटी की काया में जगमग प्राण / अनुपमा पाठक
- लेखनी है रमी, आज लिख डालो / अनुपमा पाठक
- दीप, तुम्हारे संघर्ष के कितने वितान / अनुपमा पाठक
- कि, जब होकर भी सुबह नहीं होती / अनुपमा पाठक
- कविता का प्रादुर्भाव / अनुपमा पाठक
- अंततोगत्वा सब माटी है / अनुपमा पाठक
- वो अपने ही साये थे / अनुपमा पाठक
- उस एकांत में हर पहचान धुंधली है / अनुपमा पाठक
- है नमी तो नहीं कोई कमी / अनुपमा पाठक
- जीवन ठिठका खड़ा है / अनुपमा पाठक
- तुम तक / अनुपमा पाठक