भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मेरे सात जनम / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
}} | }} | ||
{{KKPustak | {{KKPustak | ||
− | |चित्र= | + | |चित्र= |
|नाम= मेरे सात जनम | |नाम= मेरे सात जनम | ||
|रचनाकार= [[रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']] | |रचनाकार= [[रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']] | ||
पंक्ति 17: | पंक्ति 17: | ||
}} | }} | ||
* '''[[मेरे सात जनम (सामान्य परिचय) / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']]''' | * '''[[मेरे सात जनम (सामान्य परिचय) / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']]''' | ||
+ | *[[ मेघ बरसे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
* [[व्याकुल गाँव-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | * [[व्याकुल गाँव-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
* [[फैली मुस्कान-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | * [[फैली मुस्कान-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
पंक्ति 28: | पंक्ति 29: | ||
*[[ आओ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | *[[ आओ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
*[[ आप जो आए / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] | *[[ आप जो आए / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]] | ||
+ | *[[चाँद निचोड़ा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
+ | *[[ था अनछुआ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
+ | *[[ आओ बुनेंगे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
+ | *[[ बहिनें आँखें / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
+ | *[[ उदासी ओढ़े / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] | ||
+ | *[[अमृत पल / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ ]] |
12:57, 23 सितम्बर 2022 के समय का अवतरण
मेरे सात जनम
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' |
---|---|
प्रकाशक | अयन प्रकाशन, 1/20 महरौली , ,नई दिल्ली–110030 |
वर्ष | 2011 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | हाइकु कविताएँ |
विधा | हाइकु |
पृष्ठ | 128 |
ISBN | 978-81-7408-475-0 |
विविध | मूल्य(सजिल्द) :160 |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- मेरे सात जनम (सामान्य परिचय) / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मेघ बरसे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- व्याकुल गाँव-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- फैली मुस्कान-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- काँपती देह -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- प्यार का कर्ज़-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उठी थी पीर-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- इस जग में -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- सिहरा ताल-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- शीतल छाँव-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- निर्मोही जग -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आओ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आप जो आए / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- चाँद निचोड़ा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- था अनछुआ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आओ बुनेंगे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- बहिनें आँखें / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उदासी ओढ़े / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अमृत पल / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’