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"शुजाअ खावर" के अवतरणों में अंतर
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− | *[[सुकूँ ज़मीने-कनाअत पे जब नज़र आया / ‘शुजाअ’ खावर]] | + | * [[लोग ख़ुश हैं और हमको ज़ात का ग़म हो रहा है / ‘शुजाअ’ खावर]] |
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03:09, 30 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण
‘शुजाअ’ खावर
जन्म | |
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जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
‘शुजाअ’ खावर / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- और क्या इस शहर में धंधा करें / ‘शुजाअ’ खावर
- दूसरी बातों में हमको हो गया घाटा बहुत / ‘शुजाअ’ खावर
- क्या फ़िक्र जो दुश्मन हैं मिरे यार ग़ज़ल के / ‘शुजाअ’ खावर
- रोज़ सुन सुन के उन अल्फ़ाज़ का डर बैठ गया / ‘शुजाअ’ खावर
- पार उतरने के लिए तो ख़ैर बिलकुल चाहिये / ‘शुजाअ’ खावर
- मेरा दिल हाथों में ले लो क्या तुम्हारा जायेगा / ‘शुजाअ’ खावर
- आ पड़ा हूँ नाउमीदी के खुले मैदान में / ‘शुजाअ’ खावर
- लोग ख़ुश हैं और हमको ज़ात का ग़म हो रहा है / ‘शुजाअ’ खावर
- सुकूँ ज़मीने-कनाअत पे जब नज़र आया / ‘शुजाअ’ खावर
- उड़ा क्या जो रुख़ पर हवा के उड़ा / ‘शुजाअ’ खावर
- पहुँचा हुजूर-ए-शाह हर एक रंग का फ़कीर / ‘शुजाअ’ खावर
- क्या किया जाये यही अल्लाह को मंज़ूर है / ‘शुजाअ’ खावर