"रजमतिया के चिट्टी / भोजपुरी" के अवतरणों में अंतर
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
|||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKLokRachna | {{KKLokRachna | ||
− | |रचनाकार= | + | |रचनाकार=त्रिलोकीनाथ उपाध्याय (गोरखपुर) |
− | }} | + | }}{{KKCatBhojpuriRachna}} |
{{KKLokGeetBhaashaSoochi | {{KKLokGeetBhaashaSoochi | ||
|भाषा=भोजपुरी | |भाषा=भोजपुरी | ||
}} | }} | ||
− | + | <poem> | |
− | छोटकी गोतिनिया के तनवा के बतिया, | + | छोटकी गोतिनिया के तनवा के बतिया, |
− | पतिया रोई-रोई ना, लिखावे रजमतिया। | + | पतिया रोई-रोई ना, लिखावे रजमतिया। |
− | सोस्ती श्री चिट्टी रउरा भेजनी तेमे लिखल, | + | सोस्ती श्री चिट्टी रउरा भेजनी तेमे लिखल, |
− | सोरे पचे अस्सी रोपेया, भेजनी तवन मिलल | + | सोरे पचे अस्सी रोपेया, भेजनी तवन मिलल |
− | ओतना से नाही कटी, भारी बा बिपतिया। पतिया... | + | ओतना से नाही कटी, भारी बा बिपतिया। पतिया... |
− | छोटकी के झूला फाटल, जेठकी के नाहीं, | + | छोटकी के झूला फाटल, जेठकी के नाहीं, |
− | बिटिया सेयान भइल, ओकरो लूगा चाही, | + | बिटिया सेयान भइल, ओकरो लूगा चाही, |
− | अबगे धरत बाटे कोंहड़ा में बतिया, पतिया ... | + | अबगे धरत बाटे कोंहड़ा में बतिया, पतिया ... |
− | रोज -रोज मंगरा मदरसा जाला, | + | रोज -रोज मंगरा मदरसा जाला, |
− | एक दिन तुरले रहे मौलवी के ताला, | + | एक दिन तुरले रहे मौलवी के ताला, |
− | ओकरा भेंटाइल बा करीमना संघतिया। पतिया... | + | ओकरा भेंटाइल बा करीमना संघतिया। पतिया... |
− | पांडे जी के जोड़ा बैला गइलेसऽ बिकाइ, | + | पांडे जी के जोड़ा बैला गइलेसऽ बिकाइ, |
− | मेलवा में गइले त पिलवा भुलाइल, | + | मेलवा में गइले त पिलवा भुलाइल, |
− | चार डंडा मरले मंगरू, भाग गइल बेकतिया। पतिया... | + | चार डंडा मरले मंगरू, भाग गइल बेकतिया। पतिया... |
− | जाड़ा के महीना बा, रजाई लेम सिआइ, | + | जाड़ा के महीना बा, रजाई लेम सिआइ, |
− | जाड़ावा से मर गइल दुरपतिया के माई, | + | जाड़ावा से मर गइल दुरपतिया के माई, |
− | बड़ा जोर बीमार बा भिखारी काका के नतिया। पतिया... | + | बड़ा जोर बीमार बा भिखारी काका के नतिया। पतिया... |
− | कबरी बकरिया रात-भर मेंमिआइल, | + | कबरी बकरिया रात-भर मेंमिआइल, |
− | छोटका पठरुआ लिखीं कतना में बिकाई, | + | छोटका पठरुआ लिखीं कतना में बिकाई, |
− | दुखवा के परले खिंचत बानी जँतिया। पतिया... | + | दुखवा के परले खिंचत बानी जँतिया। पतिया... |
14:34, 21 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
छोटकी गोतिनिया के तनवा के बतिया,
पतिया रोई-रोई ना, लिखावे रजमतिया।
सोस्ती श्री चिट्टी रउरा भेजनी तेमे लिखल,
सोरे पचे अस्सी रोपेया, भेजनी तवन मिलल
ओतना से नाही कटी, भारी बा बिपतिया। पतिया...
छोटकी के झूला फाटल, जेठकी के नाहीं,
बिटिया सेयान भइल, ओकरो लूगा चाही,
अबगे धरत बाटे कोंहड़ा में बतिया, पतिया ...
रोज -रोज मंगरा मदरसा जाला,
एक दिन तुरले रहे मौलवी के ताला,
ओकरा भेंटाइल बा करीमना संघतिया। पतिया...
पांडे जी के जोड़ा बैला गइलेसऽ बिकाइ,
मेलवा में गइले त पिलवा भुलाइल,
चार डंडा मरले मंगरू, भाग गइल बेकतिया। पतिया...
जाड़ा के महीना बा, रजाई लेम सिआइ,
जाड़ावा से मर गइल दुरपतिया के माई,
बड़ा जोर बीमार बा भिखारी काका के नतिया। पतिया...
कबरी बकरिया रात-भर मेंमिआइल,
छोटका पठरुआ लिखीं कतना में बिकाई,
दुखवा के परले खिंचत बानी जँतिया। पतिया...