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"आर पार का मंज़र / ज़फ़र गोरखपुरी" के अवतरणों में अंतर

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* [[मैं आग तो दबा लूँ दिले नातवाँ ज़रूर / ज़फ़र गोरखपुरी]]
 
* [[मैं आग तो दबा लूँ दिले नातवाँ ज़रूर / ज़फ़र गोरखपुरी]]
 
* [[उस पे पत्थर खाके क्या बीती ज़फ़र देखेगा कौन / ज़फ़र गोरखपुरी]]
 
* [[उस पे पत्थर खाके क्या बीती ज़फ़र देखेगा कौन / ज़फ़र गोरखपुरी]]
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* [[अब्र था कि ख़ुशबू था, कुछ ज़रूर था एक शख़्स / ज़फ़र गोरखपुरी]]
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* [[रास्ते कभी इतने ख़ून से न गीले थे / ज़फ़र गोरखपुरी]]
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* [[मर के जी उट्ठूँ किसी दिन, सनसनी तारी करूँ / ज़फ़र गोरखपुरी]]
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* [[कितनों ही के सर से साया जाता है / ज़फ़र गोरखपुरी]]
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* [[बेवजह तो ख़ुशबू नहीं मंज़र से उड़ी है / ज़फ़र गोरखपुरी]]
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* [[एक मुट्ठी रेगे-सहरा भेज दे / ज़फ़र गोरखपुरी]]

21:59, 15 मार्च 2018 के समय का अवतरण

आर पार का मंज़र
Poetry book of Zafar Gorakhpuri.jpg
रचनाकार ज़फ़र गोरखपुरी
प्रकाशक
वर्ष 2015
भाषा उर्दू-हिन्दी
विषय शायरी
विधा ग़ज़लें
पृष्ठ
ISBN
विविध
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