भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मैं लहर तुम्हारी / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 13: पंक्ति 13:
 
|शैली= काव्य
 
|शैली= काव्य
 
|पृष्ठ= पृष्ठ:96
 
|पृष्ठ= पृष्ठ:96
|ISBN=978-93-944221-54-3
+
|ISBN=978-93-94221-54-3
 
|विविध= मूल्य: 240 रुपये
 
|विविध= मूल्य: 240 रुपये
 
}}
 
}}
पंक्ति 20: पंक्ति 20:
 
*[[कवि के घर में चोर / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]]  
 
*[[कवि के घर में चोर / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]]  
 
*[[एक दीपक तुम जलाना  / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]]
 
*[[एक दीपक तुम जलाना  / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’]]
 +
*[[पनीला हास  / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु']]

07:44, 23 अगस्त 2023 के समय का अवतरण

मैं लहर तुम्हारी
General Book.png
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
प्रकाशक अयन प्रकाशन, जे-19/39, राजापुरी, उत्तम नगर, नई दिल्ली-110059
वर्ष 2022
भाषा हिन्दी
विषय कविताएँ
विधा काव्य
पृष्ठ पृष्ठ:96
ISBN 978-93-94221-54-3
विविध मूल्य: 240 रुपये
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।