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"ऊधव कैं चलत गुपाल उर माहिं चल / जगन्नाथदास ’रत्नाकर’" के अवतरणों में अंतर
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ऊधव कैं चलत गुपाल उर माहिं चल, | ऊधव कैं चलत गुपाल उर माहिं चल, | ||
− | आतुरी मची सो परै कही न कबीनि सौं । | + | ::आतुरी मची सो परै कही न कबीनि सौं । |
कहै रतनाकर हियौ हूँ चलिबै कौ संग, | कहै रतनाकर हियौ हूँ चलिबै कौ संग, | ||
− | लाख अभिलाख लै उमहि बिकलीनि सौं ॥ | + | ::लाख अभिलाख लै उमहि बिकलीनि सौं ॥ |
आनि हिचकी ह्वै गरै बीच सकस्यौई परै, | आनि हिचकी ह्वै गरै बीच सकस्यौई परै, | ||
− | स्वेद ह्वैं रस्यौई परै रोम झंझारीनि सौं । | + | ::स्वेद ह्वैं रस्यौई परै रोम झंझारीनि सौं । |
आनन दुवार तैं उसास ह्वै बढ़्यौई परै, | आनन दुवार तैं उसास ह्वै बढ़्यौई परै, | ||
− | आँसू ह्वै कढ़्यौई परै नैन खिरकीनि सौं ॥20॥ | + | ::आँसू ह्वै कढ़्यौई परै नैन खिरकीनि सौं ॥20॥ |
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09:32, 2 मार्च 2010 के समय का अवतरण
ऊधव कैं चलत गुपाल उर माहिं चल,
आतुरी मची सो परै कही न कबीनि सौं ।
कहै रतनाकर हियौ हूँ चलिबै कौ संग,
लाख अभिलाख लै उमहि बिकलीनि सौं ॥
आनि हिचकी ह्वै गरै बीच सकस्यौई परै,
स्वेद ह्वैं रस्यौई परै रोम झंझारीनि सौं ।
आनन दुवार तैं उसास ह्वै बढ़्यौई परै,
आँसू ह्वै कढ़्यौई परै नैन खिरकीनि सौं ॥20॥