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"बात खुल के कहीं, भइल बा का ? / मनोज भावुक" के अवतरणों में अंतर
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आईं अबहूँ रहे के मिल-जुल के | आईं अबहूँ रहे के मिल-जुल के | ||
जिन्दगी में अउर धइल बा का ? | जिन्दगी में अउर धइल बा का ? | ||
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11:15, 1 सितम्बर 2013 का अवतरण
बात खुल के कहीं, भइल बा का ?
प्यार के रंग चढ़ गइल बा का ?
रंग चेहरा के बा उड़ल काहें ?
चोर मन के धरा गइल बा का ?
"हम त हर घात के भुला गइलीं
रउरा मन में अभी मइल बा का ?"
आईं अबहूँ रहे के मिल-जुल के
जिन्दगी में अउर धइल बा का ?