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20:15, 27 अक्टूबर 2016 का अवतरण
गॉंव कहॉं सोरियावत हें
रचनाकार | बुधराम यादव |
---|---|
प्रकाशक | छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति, जिला शाखा, बिलासपुर (छ.ग.) |
वर्ष | 2010 |
भाषा | छत्तीसगढ़ी |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
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इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- चार आखर / गॉंव कहॉं सोरियावत हें
- गॉंव रहे ले दुनिया रइही / गॉंव कहॉं सोरियावत हें
- मोर गॉंव कहॉं सोरियावत हें / बुधराम यादव
- अंखमुंदा भागत हें / बुधराम यादव
- महंगा जमो बेचावत हें / बुधराम यादव
- तइहा के सब बइहा ले गय / बुधराम यादव
- मातर जागंय / बुधराम यादव
- नाचा-गमत / बुधराम यादव
- बिन पानी / बुधराम यादव
- दुबराज चांउर के महमहाब / बुधराम यादव
- चाल चरित म कढ़े रहंय / बुधराम यादव
- सबके मुड़ पिरवाथें / बुधराम यादव
- घंघरा-घुघरू, घुम्मिर-घांटी / बुधराम यादव
- गठरी सब छरियावत हें / बुधराम यादव