भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ओजी म्हारी सहेल्यां जोवे बाटो / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|रचनाकार=अज्ञात
 
|रचनाकार=अज्ञात
 
}}
 
}}
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
+
{{KKCatRajasthaniRachna}}
|भाषा=राजस्थानी
+
<poem>
}}
+
ओजी म्हारी सहेल्यां जोवे बाटो, भंवर म्हांने खेलण द्यों गणगौर
 +
खेलण द्यो गणगौर-गणगौर, भंवर म्हांने निरखण द्यो गणगौर
 +
जी म्हांरी सहेल्यां...
  
ओजी म्हारी सहेल्यां जोवे बाटो, भंवर म्हांने खेलण द्यों गणगौर। <br>
+
के दिन की गणगौर, सुन्दर थांने कतरा दिन को चाव
खेलण द्यो गणगौर-गणगौर, भंवर म्हांने निरखण द्यो गणगौर। <br>
+
सोळा दिन की गणगौर, भंवर म्हांने सोळा दिन को चाव
जी म्हांरी सहेल्यां .......... <br><br>
+
ओजी म्हांरी सहेल्यां...
  
के दिन की गणगौर, सुन्दर थांने कतरा दिन को चाव। <br>
+
सहेळ्यां ने ऊभी राखो, सुन्दर थांकी सहेळ्यां ने ऊभी राखो
सोळा दिन की गणगौर, भंवर म्हांने सोळा दिन को चाव। <br>
+
जी थांकी सहेळ्यां ने दोवंण गोट, सुन्दर थाने खेळणं दां गणगौर
ओजी म्हांरी सहेल्यां .......... <br><br>
+
खेलण द्यो गणगौर...
 
+
</poem>
सहेळ्यां ने ऊभी राखो, सुन्दर थांकी सहेळ्यां ने ऊभी राखो। <br>
+
जी थांकी सहेळ्यां ने दोवंण गोट, सुन्दर थाने खेळणं दां गणगौर। <br>
+
खेलण द्यो गणगौर.......
+

07:31, 9 सितम्बर 2016 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

ओजी म्हारी सहेल्यां जोवे बाटो, भंवर म्हांने खेलण द्यों गणगौर
खेलण द्यो गणगौर-गणगौर, भंवर म्हांने निरखण द्यो गणगौर
जी म्हांरी सहेल्यां...

के दिन की गणगौर, सुन्दर थांने कतरा दिन को चाव
सोळा दिन की गणगौर, भंवर म्हांने सोळा दिन को चाव
ओजी म्हांरी सहेल्यां...

सहेळ्यां ने ऊभी राखो, सुन्दर थांकी सहेळ्यां ने ऊभी राखो
जी थांकी सहेळ्यां ने दोवंण गोट, सुन्दर थाने खेळणं दां गणगौर
खेलण द्यो गणगौर...