भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ख़्वाजा मीर दर्द" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 26: | पंक्ति 26: | ||
* [[तुम आज हंसते हो हंस लो मुझ पर ये आज़माइश ना बार बार होगी / ख़्वाजा मीर दर्द]] | * [[तुम आज हंसते हो हंस लो मुझ पर ये आज़माइश ना बार बार होगी / ख़्वाजा मीर दर्द]] | ||
* [[जग में आकर इधर उधर देखा / ख़्वाजा मीर दर्द]] | * [[जग में आकर इधर उधर देखा / ख़्वाजा मीर दर्द]] | ||
+ | * [[अर्ज़ ओ समाँ कहाँ तेरी वुसअत को पा सके / ख़्वाजा मीर दर्द]] |
09:20, 6 अगस्त 2008 का अवतरण
ख़्वाजा मीर दर्द की रचनाएँ
ख़्वाजा मीर दर्द
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | 1721 |
---|---|
निधन | 1785 |
उपनाम | दर्द |
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
-- | |
विविध | |
-- | |
जीवन परिचय | |
ख़्वाजा मीर दर्द / परिचय |
- तुहमतें चन्द अपने जिम्मे धर चले / ख़्वाजा मीर दर्द
- चमन में सुबह ये कहती थी / ख़्वाजा मीर दर्द
- अगर यूँ ही ये दिल सताता रहेगा / ख़्वाजा मीर दर्द
- मेरा जी है जब तक / ख़्वाजा मीर दर्द
- अपने ताईं तो हर घड़ी ग़म है / ख़्वाजा मीर दर्द
- मेरा जी है जब तक तेरी जुस्तजू है / ख़्वाजा मीर दर्द
- हम तुझ से किस हवस की फ़लक जुस्तजू करें / ख़्वाजा मीर दर्द
- दुनिया में कौन कौन न ऐक बार हो गया / ख़्वाजा मीर दर्द
- तुझी को जो यां जल्वा फ़र्मा न देखा / ख़्वाजा मीर दर्द
- चमन में सुबह ये कहती थी हो कर चश्म-ए-तर शबनम / ख़्वाजा मीर दर्द
- तुम आज हंसते हो हंस लो मुझ पर ये आज़माइश ना बार बार होगी / ख़्वाजा मीर दर्द
- जग में आकर इधर उधर देखा / ख़्वाजा मीर दर्द
- अर्ज़ ओ समाँ कहाँ तेरी वुसअत को पा सके / ख़्वाजा मीर दर्द