भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ताज़िया / शरद कोकास" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शरद कोकास |अनुवादक= |संग्रह=हमसे त...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

23:40, 30 जून 2016 के समय का अवतरण

दहकते अलाव से
बड़ों की देखा-देखी
गुज़रते बच्चे
नंगे पांव दौड़ते
ताज़िये के पीछे

बड़ों की तरह छाती पीटना
नकल उतारना
ढोल-ताशों की गूंज
भीड़-भाड़ शोर-शराबा
भाता उन्हें

अलाव से गुज़रते हुए
नन्हें के पांव में
चिपकता अंगारा
छटपटाता पटकता पांव
पूछता छाती पीटने का मतलब

अलाव से गुज़रते हुए वह।

-1993