भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सिख-नख बरनन / रसलीन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रसलीन |अनुवादक= |संग्रह=फुटकल कवि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

00:41, 23 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

बेनी नाग, पाटी धन, माँग बिज्जु, भाल चंद,
स्रौन भौहें दुहुन नयन बान चेरी हैं।
नासा कीर, दरपन कपोल, बिंब लीन मन,
दंत मोती, ठोढ़ी अंब, कंठ कंबु, घेरी हैं।
भुज पास, हाथ पल्लौ, कुच बेल, पेट पान,
पीठ रंभादल, कटि भरन के फेरी हैं।
बनितन तंत जंघ केलि खंभ, पग कंज,
एतों चेरा चेरी तेरे अँगन के हेरी हैं॥97॥