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"हमको अपनी तरह बना देना / ध्रुव गुप्त" के अवतरणों में अंतर

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11:52, 2 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

हमको अपनी तरह बना देना
श़क्ल थोड़ा मगर ज़ुदा देना

खोल आया हूं सारे दरवाज़े
आज हर सिम्त से हवा देना

ख़ुद को हमने सज़ा सुनाई है
आप इल्ज़ाम बस लगा देना

रूह छू लूं तुम्हे पता न चले
इतना चुपके से रास्ता देना

रात है, चाँद है, हवा है अभी
हमको आवाज़ तो लगा देना

ज़िंदगी भर तुम्हे बुरा न लगे
इस सलीके से सब भुला देना

पहले तिनका सहेज़ना सीखो
आशियां फिर कभी जला देना

दिन है बाकी अभी तो सोने दो
रात गहराए तो जगा देना