भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आर पार का मंज़र / ज़फ़र गोरखपुरी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (→इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ) |
||
पंक्ति 15: | पंक्ति 15: | ||
{{KKShayar}} | {{KKShayar}} | ||
====इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ==== | ====इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ==== | ||
− | * [[ | + | * [[मौजें खींचातानी पर / ज़फ़र गोरखपुरी]] |
+ | * [[ज़मीं, फिर दर्द का ये सायबाँ कोई नहीं देगा / ज़फ़र गोरखपुरी]] | ||
+ | * [[ये मौजे ग़म सुकूँ-आसा भी है, अगर सोचो / ज़फ़र गोरखपुरी]] | ||
+ | * [[ख़ौफ़ तारीकी भयानकपन मेरे चारों तरफ़ / ज़फ़र गोरखपुरी]] |
19:25, 6 दिसम्बर 2017 का अवतरण
आर पार का मंज़र
रचनाकार | ज़फ़र गोरखपुरी |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | 2015 |
भाषा | उर्दू-हिन्दी |
विषय | शायरी |
विधा | ग़ज़लें |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।