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"कजली 1 / प्रेमघन" के अवतरणों में अंतर

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18:03, 20 मई 2018 के समय का अवतरण

गलियाँ की गलियाँ रतियाँ घूमै देउआ बनियाँ रामा।
हरि हरि चम्बू बम्बू पीए बा बौराना रे हरी।
मम्मी खाँ का ख्याल गावत चिल्लाता है बहुतै रामा।
हरि हरि भेजा जल्दी उसको पागलखाना रे हरी॥