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"मिलती लय / प्रेमघन" के अवतरणों में अंतर

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10:02, 21 मई 2018 के समय का अवतरण

"ककरेजवा रँगा दे मोरे बाँके जमादार" की चाल।

प्यारी! लागत तिहारी छबि, प्यारी-प्यारी ना।
गोरे गालन पैं लोटत लट, कारी-कारी ना॥
मुस्कुरानि मन हरै मोहनी, डारी-डारी ना।
मनहुँ प्रेमघन बरसै तोपैं, वारी-वारी ना॥28॥