भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"'अख्तर' शीरानी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (→नज़्म) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (→ग़ज़ल) |
||
पंक्ति 22: | पंक्ति 22: | ||
* [[वो कभी मिल जाएँ तो / 'अख्तर' शीरानी]] | * [[वो कभी मिल जाएँ तो / 'अख्तर' शीरानी]] | ||
* [[यारो कू-ए-यार की बातें करें / 'अख्तर' शीरानी]] | * [[यारो कू-ए-यार की बातें करें / 'अख्तर' शीरानी]] | ||
+ | * [[मेरे पहलू में जो बह निकले तुम्हारे आँसू / 'अख्तर' शीरानी]] | ||
===नज़्म=== | ===नज़्म=== |
18:44, 16 जुलाई 2019 का अवतरण
'अख्तर' शीरानी
जन्म | 1905 |
---|---|
निधन | 1948 |
उपनाम | 'अख्तर' |
जन्म स्थान | टोंक, राजस्थान |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
'अख्तर' शीरानी / परिचय |
ग़ज़ल
- ऐ दिल वो आशिक़ी के / 'अख्तर' शीरानी
- झूम कर बदली उठी और छा गई / 'अख्तर' शीरानी
- किस को देखा है ये हुआ क्या है / 'अख्तर' शीरानी
- कुछ तो तंहाई की रातों में / 'अख्तर' शीरानी
- वादा उस माह-रू के आने का / 'अख्तर' शीरानी
- वो कभी मिल जाएँ तो / 'अख्तर' शीरानी
- यारो कू-ए-यार की बातें करें / 'अख्तर' शीरानी
- मेरे पहलू में जो बह निकले तुम्हारे आँसू / 'अख्तर' शीरानी
नज़्म
- बस्ती की लड़कियों में बदनाम हो रहा हूं / 'अख़्तर' शीरानी
- ओ देस से आने वाले बता! / 'अख्तर' शीरानी
- ऐ इश्क़, न छेड़ आ-आ के हमें / 'अख्तर' शीरानी
- दिल-ओ-दिमाग को रो लूँगा / 'अख्तर' शीरानी
- तमन्नाओं को ज़िन्दा आरज़ूओं को जवाँ कर लूँ / 'अख्तर' शीरानी
- मख़्मूर अपने दिल में, तकब्बुर न लाइए / 'अख्तर' शीरानी
- वो रातें याद आती हैं मुझे / 'अख्तर' शीरानी
- ऐ इश्क़ कहीं ले चल / 'अख्तर' शीरानी