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निश्तर ख़ानक़ाही
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नश्तर ख़ानकाही
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नश्तर ख़ानकाही / परिचय |
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- धड़का था दिल कि प्यार का मौसम गुज़र गया / नश्तर ख़ानकाही
- आप अपनी आग के शोलों में जल जाते थे लोग / नश्तर ख़ानकाही
- क्यों बयाबाँ बयाबाँ भटकता फिरा / नश्तर ख़ानकाही
- क्यों बयाबाँ बयाबाँ भटकता फिरा / नश्तर ख़ानकाही
- तेज़ रौ पानी की तीख़ी धार पर चलते हुए / नश्तर ख़ानकाही
- न मिल सका कहीं ढूँढ़े से भी निशान मेरा / नश्तर ख़ानकाही
- अनजाने हादसात का खटका लगा रहा / नश्तर ख़ानकाही
- सौ बार लौह-ए-दिल से मिटाया गया मुझे / नश्तर ख़ानकाही
- संदल के सर्द जंगल से आ-आ के थक गई हवा / नश्तर ख़ानकाही
- एक पल ताअल्लुक का वो भी सानेहा जैसा / नश्तर ख़ानकाही
- अपने ही खेत की मट्टी से जुदा हूँ मैं तो / नश्तर ख़ानकाही
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