भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मख़्मूर सईदी
Kavita Kosh से
Tripurari Kumar Sharma (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:19, 31 दिसम्बर 2011 का अवतरण
मख़्मूर सईदी
जन्म | 31 दिसंबर 1934 |
---|---|
निधन | 2 मार्च 2010 |
उपनाम | मख़्मूर सईदी |
जन्म स्थान | टौंक, राजस्थान, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
गुफ़्तनी, सियाह बर सफ़ेद, आवाज़ का जिस्म, सबरंग, आते-जाते लम्हों की सदा, बाँस के जंगलों से गुज़रती हवा, पेड़ गिरता हुआ, दीवारो-दर के दर्मियाँ | |
विविध | |
मख़्मूर सईदी का मूल नाम सुल्तान मौहम्मद खाँ था। आपको उत्तरप्रदेश, बिहार, बंगाल, दिल्ली और राजस्थान उर्दू अकादमियों के पुरस्कारों के अलावा केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ। | |
जीवन परिचय | |
मख़्मूर सईदी / परिचय |
ग़ज़लें <sort order="asc" class="ul">
- अपना यही है सहन यही सायबान है / मख़्मूर सईदी
- वो हमसे ख़फ़ा था मगर इतना भी नहीं था / मख़्मूर सईदी
- भीड़ में है मगर अकेला है / मख़्मूर सईदी
- सामने ग़म की रहगुज़र आई / मख़्मूर सईदी
- चल पड़े हैं तो कहीं जाकर ठहरना होगा / मख़्मूर सईदी
- पार करना है नदी को तो उतर पानी में / मख़्मूर सईदी
- सर पर जो सायबाँ थे पिघलते हैं धूप में / मख़्मूर सईदी
- सुन सका कोई न जिस को वो सदा मेरी थी / मख़्मूर सईदी
- जल थल सहरा ख़ुश्क समुन्दर रखते थे / मख़्मूर सईदी
- चढ़ते दरिया से भी गर पार उतर जाओगे / मख़्मूर सईदी
- न रास्ता न कोई डगर है यहाँ / मख़्मूर सईदी
- बिखरते टूटते लम्हों को अपना समसफ़र जाना / मख़्मूर सईदी
- जहाँ मैं जाऊँ हवा का यही इशारा हो / मख़्मूर सईदी
- कितनी दीवारें उठी हैं एक घर के दर्मियाँ / मख़्मूर सईदी
- हर दरीचे में मेरे क़त्ल का मंज़र होगा / मख़्मूर सईदी
</sort> नज़्में <sort order="asc" class="ul">
- पनघट / मख़्मूर सईदी
- ज़ादे-सफ़र / मख़्मूर सईदी
- सबब मेरी उदासी का / मख़्मूर सईदी
- गोली चला दो / मख़्मूर सईदी
- ख़ैरअंदेश / मख़्मूर सईदी
- तिलिस्मी फूल / मख़्मूर सईदी
- त्यौहारों का खौफ़ / मख़्मूर सईदी
- दुश्मन / मख़्मूर सईदी
- चिड़िया / मख़्मूर सईदी
- लफ़्जों की रोशनी / मख़्मूर सईदी
- अधूरे रिश्तों का कर्ब / मख़्मूर सईदी
- बुलावा / मख़्मूर सईदी
- मेहरबाँ रोशनी / मख़्मूर सईदी
- शिकस्त / मख़्मूर सईदी
- मेरा नाम / मख़्मूर सईदी
</sort>