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ओटक्कुष़ल (बाँसुरी) / जी० शंकर कुरुप
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| ओटक्कुष़ळ (बाँसुरी) | |
| रचनाकार: | जी० शंकर कुरुप |
| अनुवादक: | जी० नारायण पिल्लै एवं लक्ष्मीचन्द्र जैन |
| प्रकाशक: | भारतीय ज्ञानपीठ, 18, इन्स्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नई दिल्ली-110003 |
| वर्ष: | 1966 (प्रथम संस्करण) |
| मूल भाषा: | मलयालम |
| विषय: | -- |
| शैली: | -- |
| पृष्ठ संख्या: | 395 |
| ISBN: | -- |
| विविध: | ओटक्कुष़ळ के लिये ही जी० शंकर कुरुप को 1965 में प्रथम भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। |
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इस पन्ने पर दी गयी रचनाओं को विश्व भर के योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गयी प्रकाशक संबंधी जानकारी प्रिंटेड पुस्तक खरीदने में आपकी सहायता के लिये दी गयी है। | |
- भूमिका (मेरी कविता) / जी० शंकर कुरुप
- भूमिका (कला-कविता) / जी० शंकर कुरुप
- भूमिका (बाल्यकाल : स्मृतियाँ) / जी० शंकर कुरुप
- ओटक्कुष़ळ (बाँसुरी) / जी० शंकर कुरुप
- अम्मयेविटे? (माँ कहाँ है?) / जी० शंकर कुरुप
- पुष्पगीतम् 1 (पुष्पगीत :1) / जी० शंकर कुरुप
- पुष्पगीतम् 2 (पुष्पगीत :2) / जी० शंकर कुरुप
- सान्ध्यतारम् (सन्ध्या-तारा) / जी० शंकर कुरुप
- पिन्नत्ते वसन्तम् (बाद का वसन्त) / जी० शंकर कुरुप
- वृन्दावनम् (वृन्दावन) / जी० शंकर कुरुप
- कुयिळ् (कोयल) / जी० शंकर कुरुप
- काट्टुमुल्ळ् (वन-जुही) / जी० शंकर कुरुप
- एण्ट्रे पुण्यम् (मेरा पुण्य) / जी० शंकर कुरुप
- निष़ळ् (छाया) / जी० शंकर कुरुप
