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मेरे सात जनम / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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मेरे सात जनम
रचनाकार | रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' |
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प्रकाशक | अयन प्रकाशन, 1/20 महरौली , ,नई दिल्ली–110030 |
वर्ष | 2011 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | हाइकु कविताएँ |
विधा | हाइकु |
पृष्ठ | 128 |
ISBN | 978-81-7408-475-0 |
विविध | मूल्य(सजिल्द) :160 |
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- मेरे सात जनम (सामान्य परिचय) / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
- मेघ बरसे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- व्याकुल गाँव-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- फैली मुस्कान-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- काँपती देह -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- प्यार का कर्ज़-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उठी थी पीर-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- इस जग में -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- सिहरा ताल-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- शीतल छाँव-हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- निर्मोही जग -हाइकु / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आओ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आप जो आए / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- चाँद निचोड़ा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- था अनछुआ / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- आओ बुनेंगे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- बहिनें आँखें / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- उदासी ओढ़े / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
- अमृत पल / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’