भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
'नश्तर' ख़ानक़ाही से जुड़े हुए पृष्ठ
Kavita Kosh से
नीचे दिये हुए पृष्ठ 'नश्तर' ख़ानक़ाही से जुडते हैं:
देखें (पिछले 50 | अगले 50) (20 | 50 | 100 | 250 | 500)- अभी तक जब हमें जीना ना आया / 'नश्तर' ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- हर बार नया ले के जो फ़ित्ना नहीं आया / 'नश्तर' ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- कभी तो मुल्तवी ज़िक्र-ए-जहाँ-गर्दां भी होना था / 'नश्तर' ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- कशिश तो अब भी गज़ब की है नाज़नीनों में / 'नश्तर' ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- ख़ुश-फ़हमियों को दर्द का रिश्ता अज़ीज़ था / 'नश्तर' ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- सहरा का पता दे न समंदर का पता दे / 'नश्तर' ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- सुरमई धूप में दिन सा नहीं होने पाता / 'नश्तर' ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- तामीर हम ने की थी हमीं ने गिरा दिए / 'नश्तर' ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)
- ये दश्त को दमन कोह ओ कमर किस के लिए है / 'नश्तर' ख़ानक़ाही (← कड़ियाँ)