भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पद्मा सचदेव
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:36, 15 मार्च 2017 का अवतरण (Text replacement - "KKAnooditRachnakaar" to "KKParichay")
पद्मा सचदेव
जन्म | 17 अप्रैल 1940 |
---|---|
जन्म स्थान | ग्राम पुरामन्डल, जम्मू |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
अमराई, भटको नहीं धनंजय, नौशीन, गोद भरी, अक्खरकुंड, बूंद बावड़ी (आत्मकथा), तवी ते चन्हान, नेहरियां गलियां, पोता पोता निम्बल, उत्तरबैहनी, तैथियां, गोद भरी तथा हिन्दी में एक विशिष्ट उपन्यास ‘अब न बनेगी देहरी’ आदि प्रकाशित। | |
विविध | |
‘मेरी कविता मेरे गीत’ काव्य-संग्रह पर 1971 का साहित्य अकादमी पुरस्कार, जम्मू-कश्मीर कल्चरल अकादमी, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से सम्मानित। डोगरी भाषा की प्रख्यात लेखिका एवं कवयित्री। जम्मू-कश्मीर रेडियो में स्टाफ कलाकार एवं बाद में दिल्ली रेडियो में डोगरी समाचार वाचक के पद पर कार्य किया। | |
जीवन परिचय | |
पद्मा सचदेव / परिचय |
कविताएँ
- सच्च बताना साईं / पद्मा सचदेव
- जाल / पद्मा सचदेव
- गूजरी / पद्मा सचदेव
- काला मुंह / पद्मा सचदेव
- शिलुका / पद्मा सचदेव
- ये रास्ता / पद्मा सचदेव