अंगारों पर नंग़े पांव
रचनाकार | माधव कौशिक |
---|---|
प्रकाशक | पैंगुईन बुक्स इंडिया प्राईवेट लिमिटेड,11 कम्युनिटी पार्क नई दिल्ली-110017 |
वर्ष | 2007 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | ग़ज़ल |
विधा | |
पृष्ठ | 93 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- क्या बताऊँ दरम्यां अब / माधव कौशिक
- हंसी की बात क्या है / माधव कौशिक
- पुराने वक्त के चेहरों को / माधव कौशिक
- ये तो तय है / माधव कौशिक
- हुआ है कत्ल / माधव कौशिक
- नहीं नसीब में / माधव कौशिक
- निहत्थे आदमी के हाथ में / माधव कौशिक
- मौत के फरमान ख़ुद / माधव कौशिक
- जितनी दूर / माधव कौशिक
- बस एक काम यही / माधव कौशिक
- बाहर की सारी मायूसी / माधव कौशिक
- सही ढलान पर / माधव कौशिक
- गांव से निकले कि / माधव कौशिक
- सपनों की सर्द आह / माधव कौशिक
- अगर मानो तो / माधव कौशिक
- गली गांव के सारे किस्से / माधव कौशिक
- आते हुए लजाएगी / माधव कौशिक
- किधर से आई थी आखिर / माधव कौशिक
- ज़मीन सपनों की / माधव कौशिक
- खुली किताब से / माधव कौशिक
- मौसम के अंधे जोखिम / माधव कौशिक
- हाल ख़स्ता है तुम्हारा / माधव कौशिक
- सिर्फ़ उन्हीं लोगों का / माधव कौशिक
- जिस दिन सूरज बदला लेगा / माधव कौशिक
- ख़ुश्बू के आस-पास / माधव कौशिक
- किसी साज़िश की साज़िश / माधव कौशिक
- आग पे / माधव कौशिक
- दहकती रेत पर / माधव कौशिक
- मना करूंगा / माधव कौशिक
- चाहे अबकी बार / माधव कौशिक