है तो है
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रचनाकार | दीप्ति मिश्र |
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प्रकाशक | वाणी प्रकाशन, दरियागंज, नई दिल्ली |
वर्ष | 2002 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | ग़ज़लें |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- अपूर्ण / दीप्ति मिश्र
- है तो है (ग़ज़ल) / दीप्ति मिश्र
- उसने कितनी सादगी से आज़माया है मुझे / दीप्ति मिश्र
- वो मेरे आसपास था क्यूँ था / दीप्ति मिश्र
- हक़ीक़त की तह तक पहुँच तो गए हैं / दीप्ति मिश्र
- रहें ख़ामोश हम कब तक जो बोलें भी तो बोलें क्या / दीप्ति मिश्र
- दिल तो पत्थर हो गया धड़कनें लाएँ कहाँ से / दीप्ति मिश्र
- क्या बताऊँ मैं, कहाँ मेरा खुदा है / दीप्ति मिश्र
- हम पर तरस न खाओ कोई / दीप्ति मिश्र
- दुखती रग पर उंगली रखकर / दीप्ति मिश्र
- तुम्हें किसने कहा था तुम मुझे चाहो / दीप्ति मिश्र
- बेहद बेचैनी है लेकिन मक़सद ज़ाहिर कुछ भी नहीं / दीप्ति मिश्र
- मैं घुटनें टेक दूँ इतना कभी मजबूर मत करना / दीप्ति मिश्र
- हम बुरे हैं अगर तो बुरे ही भले / दीप्ति मिश्र
- कब से अपनी खोज में हूँ मुब्तला मैं / दीप्ति मिश्र
- जिससे तुमने ख़ुद को देखा, हम वो एक नज़रिया थे / दीप्ति मिश्र
- वो एक दर्द जो मेरा भी है, तुम्हारा भी / दीप्ति मिश्र
- वो नहीं मेरा मगर उससे मुहब्बत है तो है / दीप्ति मिश्र
- ऐसा नहीं कि उनसे मोहब्बत नहीं रही / दीप्ति मिश्र
- / दीप्ति मिश्र